shiv chalisa lyrics in english with meaning - An Overview

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥

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अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।

जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

गिरिन्द्रात्मजासंग्रहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदा सन्नगेहम् ।

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

अयोध्यादास आस कहैं तुम्हारी। जानि सकल दुःख get more info हरहु हमारी॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

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